लटों को काफी गरूर था अपने इठलाने पर केश से लड़ने को आतुर थी जंग पर Read in caption अचानक पढ़ते समय मेरे चेहरे पर लटें लहराई जैसे बिन बादल के बरसात झमाझम आई हवा का साथ पाते ही आकाश को छूने की तमन्ना कभी इधर कमर बलखाती