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हुआ कुछ नहीं हासिल सिवा इक शायरी के ठहरे हर जगह जा

हुआ कुछ नहीं हासिल सिवा इक शायरी के
ठहरे हर जगह जाहिल सिवा इक शायरी के

ख़्वाहिश थी दर्दे दिल को कोई तो समझे मेरे
देखा कुछ नहीं आक़िल सिवा इक शायरी के

फिरते रहे ज़ख़्मी दिल की ठौर ओ तलाश में
मिला  न कोई कामिल सिवा इक शायरी के

हिज़्र की स्याह रातों में  जब बे-साये थे हम
था कोई नहीं शामिल  सिवा इक शायरी के

बाद तेरे जानाँ  फिर न कोई हुआ  क़ातिल
न हम कहीं हुए माइल सिवा इक शायरी के

©Parastish
  आक़िल- intelligent/ sensible
कामिल- perfect
माइल- attract
#parastish #Poetry #ghazal
pooja7092330500628

Parastish

Silver Star
Super Creator

आक़िल- intelligent/ sensible कामिल- perfect माइल- attract #parastish Poetry #ghazal

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