कि इस क़दर तुम, मुझे सताते हो आज भी ज़िंदगी में नहीं हो, पर सपनों में आते हो आज भी तुम लाख़ कहो कि तुम्हें मोहब्बत नहीं हमसे पर हम जानते है कि खुद से भी ज्यादा हमें चाहते हो आज भी दीप शर्मा #आजभी