#OpenPoetry काश्मीर में तिरंगा अब न जलेगा कभी, न ही कोई दूजा झंडा फहराया जायेगा। घाटी में आतंकवादी टिक न सकेगा कोई, चुन-चुन, एक-एक को उड़या जायेगा। पत्थऱवाजों को निजात अब मिलेगी नही, जन्नत से जेहाद जड़ से मिटाया जायेगा। देश हित फैंसले का करते विरोध हैं जो, उन्हे सरेआम सूली पे चढ़ाया जायेगा।। -प्रबल 370 ×××××××