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तेरेेे मुताबिक तो हो नही सकता मैं कभी हँस तो कभी

तेरेेे मुताबिक तो हो नही सकता 
मैं कभी हँस तो कभी रो नही सकता,
तेरे मुताबिक तो हो नही सकता,
मैं कभी जी तो कभी मर नही सकता,
तेरे मुताबिक तो हो नही सकता,
मैं हर गम का जहर पी नही सकता.
तेरे मुताबिक तो हो नही सकता,
मैं हर जख्म को सी नही सकता. #तेरे लिये#
तेरेेे मुताबिक तो हो नही सकता 
मैं कभी हँस तो कभी रो नही सकता,
तेरे मुताबिक तो हो नही सकता,
मैं कभी जी तो कभी मर नही सकता,
तेरे मुताबिक तो हो नही सकता,
मैं हर गम का जहर पी नही सकता.
तेरे मुताबिक तो हो नही सकता,
मैं हर जख्म को सी नही सकता. #तेरे लिये#