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महकी महकी सी फ़िज़ा, उम्मीदों की दस्तक देती है, जो ग

महकी महकी सी फ़िज़ा,
उम्मीदों की दस्तक देती है,
जो गुजर गए,
उनके गुजरने की मकसद देती है,
महकी महकी सी फ़िज़ा।
नये रास्तों,
नये मंजिलों तक पहुंचने की चाह देती है,
महकी महकी सी फ़िज़ा।
बदलाहट नियम है प्रकृति का,
नियमों में चलकर,
बदलने का सन्देश देती है,
महकी महकी सी फ़िज़ा।

©Prashant Roy
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