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समंदर को साहिल पर बिखरते देखा मैंने ख़ुद को इश्क़

समंदर को साहिल पर बिखरते देखा
मैंने ख़ुद को इश्क़ में जलते देखा।। 

जो कहते थे मोहब्बत सिर्फ़ हमसे है उन्हें 
उनको किसी और के बाहों में सिमटते देखा।।

ये दिल तो अब आज़ाद है उनके इश्क़ से 
पर आज उनका नाम लबों पर ठहरते देखा।। 

लिख तो रहा था तुम्हारे आने से पहले भी मैं 
पहली बार कलम को कागज़ पर रोते देखा।।
 
ज़िन्दगी ने ग़मों से आबाद रक्खा है हमें 
पर कमबख़्त दिल को आज टूटते देखा।।

ना जाना ज़माने वालों इश्क़ के गलियारे में 
इन गलियों से महज़ शायर निकलते देखा।। #ghazal #love #breakup #nojoto #ghazalnama #shayari
समंदर को साहिल पर बिखरते देखा
मैंने ख़ुद को इश्क़ में जलते देखा।। 

जो कहते थे मोहब्बत सिर्फ़ हमसे है उन्हें 
उनको किसी और के बाहों में सिमटते देखा।।

ये दिल तो अब आज़ाद है उनके इश्क़ से 
पर आज उनका नाम लबों पर ठहरते देखा।। 

लिख तो रहा था तुम्हारे आने से पहले भी मैं 
पहली बार कलम को कागज़ पर रोते देखा।।
 
ज़िन्दगी ने ग़मों से आबाद रक्खा है हमें 
पर कमबख़्त दिल को आज टूटते देखा।।

ना जाना ज़माने वालों इश्क़ के गलियारे में 
इन गलियों से महज़ शायर निकलते देखा।। #ghazal #love #breakup #nojoto #ghazalnama #shayari