उड़ने की चाहत है, बंदिशों को तोडने की , कि हिमाकत है, आसमां को छूने की चाहत है। बिन पंखों के भी, उड़ने की थानी है, नहीं कोई पुरानी, मुझे तो अपनी ही एक नई पहचान बनानी है, मेरा रब जानें मेरी नीयत, ते मेरी सीरत, दुनिया की परवाह क्यों करू, मेरी मोह्बत तो रूहानी है। बाकी सारी दुनियां बेगानी है।। #उड़ने की #चाहत #DawnSun