Nojoto: Largest Storytelling Platform

यहाँ मासूमियत का कौन सा अंदाज है - सुनील काट के प

यहाँ मासूमियत का कौन सा अंदाज है - सुनील 
काट के पर कहते हो अजाद हो तुम 
'लोग पत्थर के बुतो पुजकर  भी मासूम रहे.... सुनील 
हमने एक इन्सान को चाहा और गुनहगार हो गये " 
"कौन देता है उम्र भर का सहर ए -  सुनील
लोग जनाजो मे भी कन्धे बदलते रह्ते है"
उस सख्स से ताल्लुक है मेरा - सुनील
"अगर वो परेसा हो तो हमे नीँद नही आती "
तू होगा किसी और के लिये समंदर ये इस्क "- सुनील
"हम तो रोज तेरे साहिल से प्यासे गुजर जाते  हैं हम ना बदलेंगे वक्त के साथ सुनील
जब भी मिलेंगे हम अंदाज पुराना होगा" kisi ke liye hum
यहाँ मासूमियत का कौन सा अंदाज है - सुनील 
काट के पर कहते हो अजाद हो तुम 
'लोग पत्थर के बुतो पुजकर  भी मासूम रहे.... सुनील 
हमने एक इन्सान को चाहा और गुनहगार हो गये " 
"कौन देता है उम्र भर का सहर ए -  सुनील
लोग जनाजो मे भी कन्धे बदलते रह्ते है"
उस सख्स से ताल्लुक है मेरा - सुनील
"अगर वो परेसा हो तो हमे नीँद नही आती "
तू होगा किसी और के लिये समंदर ये इस्क "- सुनील
"हम तो रोज तेरे साहिल से प्यासे गुजर जाते  हैं हम ना बदलेंगे वक्त के साथ सुनील
जब भी मिलेंगे हम अंदाज पुराना होगा" kisi ke liye hum
sunilkumar4783

Sunil kumar

New Creator