उस शाम की परछाई में हर एक कतरा झुलस गया एक आस लेकर, वो बैठा है , तख्तों ताज के इंतज़ार में एक ख़्वाब लेकर खुदको को हराकर रहता , ज़िन्दगी के हर सांस में , बैठा है , हर वो ख़्वाब को एक तरफ़ सजाकर , उस शाम की परछाई में हर एक कतरा झुलस गया एक आस लेकर, वो बैठा है , तख्तों ताज के इंतज़ार में एक ख़्वाब लेकर #Nojoto #RandomThought #AfteraLongLongTime