सा है सफर पर अब हमसफ़र की तलाश नहीं, चलता रहा बस यूं ही मैं.. किसी मंजिल की तलाश नहीं। तू साथ मेरे ना थी तब.. ना है तू देख अब भी जो था सब दिखावा ही था.. मोहब्बत की तब जाना वफा की उम्मीद बेकार थी इंसान की तन्हाई क्या क्या न रंग लाई #तन्हातन्हा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi