सुगम यात्रा के निशान तेज चमकता शान्त भाल ! बढ़ता रहे उत्तरोत्तर यश यूं फैले संस्कृतियां जग भर में ! सिरजे मूल्यों की सुगंध विश्व परिधि पर महके पहुंचे ll संस्थाएं चलती रहती हैं , विद्यार्थी यहां आते हैं ; रहकर कर्मशील जाते हैं ! बस चिह्न यहां सद्कर्मों के मानस में छप जाते हैं ll कितनी यहां दृष्टियां रचना कितनी कैसी - कैसी घटना ! इतिहास बनी , संदेश बनी तर्क शिला सिद्धांत बनी ! अनत यात्रा के निशान यह काशी नगरी उन्नत पहचान ।।