Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी सुबह तुम बनो और बनो शाम भी!

मेरी
सुबह
तुम बनो
और बनो
शाम भी!
                       दिए गए विचार के बारे में आदर्श नित्य कर्म विधि में और ठीक से समझाया गया है।कभी कभी जग्गी वासुदेव सद्गुरु भी इस से मिलती जुलती बातें बता चुके हैं।यह मूल विचार हमारी वैदिक जीवनशैली के आयुर्वेद के एक प्रकरण में भी उपलब्ध है। *बह्ममहूर्त* 

अगर आप परमात्मा से प्रेम करते हो या जब परमात्मा खुद आपसे संपर्क करना चाहते है 
3 से 5 के मध्य खुलती है नींद तो यह दिव्य शक्ति का कोई संकेत है जाने..... ?

करोड़ों लोग ईश्वर से प्यार करते है पर बहुत खुशनसीब होते है वो जिनसे ईश्वर खुद प्यार करते है।

सबसे पहले हम यह जाने जिस समय नींद खुल रही है वह अमृतवेला है। अमृतवेला जो कि परमात्मा की दिव्य शक्तियां बहुत ही तेजी से प्रवाह कर रही होती है।
मेरी
सुबह
तुम बनो
और बनो
शाम भी!
                       दिए गए विचार के बारे में आदर्श नित्य कर्म विधि में और ठीक से समझाया गया है।कभी कभी जग्गी वासुदेव सद्गुरु भी इस से मिलती जुलती बातें बता चुके हैं।यह मूल विचार हमारी वैदिक जीवनशैली के आयुर्वेद के एक प्रकरण में भी उपलब्ध है। *बह्ममहूर्त* 

अगर आप परमात्मा से प्रेम करते हो या जब परमात्मा खुद आपसे संपर्क करना चाहते है 
3 से 5 के मध्य खुलती है नींद तो यह दिव्य शक्ति का कोई संकेत है जाने..... ?

करोड़ों लोग ईश्वर से प्यार करते है पर बहुत खुशनसीब होते है वो जिनसे ईश्वर खुद प्यार करते है।

सबसे पहले हम यह जाने जिस समय नींद खुल रही है वह अमृतवेला है। अमृतवेला जो कि परमात्मा की दिव्य शक्तियां बहुत ही तेजी से प्रवाह कर रही होती है।