मंजिल कोई भी आखरी नही होती कुछ इच्छा ये कभी पूरी नहीं होती इजहार ए इश्क तो करना पड़ता है फकत सोचने से तुम्हारी नही होती खुद का हौसला खुद ही बनाना है भरोसा और का खुद्दारी नही होती हर आशिक का बस एक ही गम है उसके ख्याल से क्यूं दूरी नहीं होती insta@dham_barot85 ©Dharmendra Barot #लव #February #velantineweek Anshu writer