लोग क्यों सवाल पूछते हैं , मेरे अल्फ़ाज़ों के शोर से यू जूंझते हैं पूछते हैं मुझसे मेरे ही शब्दों की उलझने , देते हैं मुझे वो फिर कई नसीहते .. पूछते हैं कलम को पेशा क्यों कहती हो , अपने पन्नो पर दर्द ही क्यों लिखती हो .. सच बताओ कोनसा नशा करती हो , क्यों बात बे-बात दुनिया से लड़ती हो .. सुनकर उनकी ये बाते थोड़ा सा मुस्कुराती हु मैं , जवाब में अपने फिर स्याही में कलम डुबोती हु मैं .. जब सपने देखती हु मैं ,जब बाते इशारो में करती हु मैं जब कुछ गलत होते देखती हु मैं , इंसानियत को खोते देखती हु मैं .. जब गुमसुम सी होती हु मैं ,जब खुद में ही खोती हु मैं जब अपनों से रूठती हु मैं , जब किसी रूठे को मनाती हु मैं तभी तो लिखती हु मैं , हां कलम का नशा करती हु मैं..✍️ part2 #alfaz #thoughts :writers #height