यादों का मौसम तेरा सदाबहार रहता है दिल के ज़मीं में हरा भरा रहता है तेरे यादों की खुशबू इन हवाओं में है उनकी महक चारों दिशाओं में है हर तरफ़ प्यार की ख़ूबसूरत फिज़ायें हैं उनका इंतज़ार बसा मेरी निगाहों में है ऐसा ना हो दूरियाँ दर्द बन जायें ऐसा ना हो हम जी ही ना पायें ढ़ूँढ़ने पर फ़िर इस मर्ज का दवा ना मिले मौसम–ए–इश्क़ में बरसती रहती हैं आँखें तेरे यादों के मौसम के सहारे आज़कल जी रहे हैं बिन तेरे ना जाने कितने मौसम मेरे गुज़रे हैं यादों के खराब मौसम में दो बूंद आँसू गिर पड़े बिन तेरे हर अच्छे बुरे यादों के मौसम में जीना सीख गए ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1055 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।