जो छूट जाए किसी के खौफ से वो लत नहीं हुआ करती, जहां मिले गुनहगारों को रिहाई और बेगुनाहों को सजा वो अदालत नहीं हुआ करती | और अक्सर पानी से पानी पर पानी लिखना पड़ता है ग़ालिब...... समझौतों में सिमट कर रह जाए वो हर आशिकी मोहब्बत नहीं हुआ करती|| ©' मुसाफ़िर ' #lalishq #mohabbat #Pyar #ishq #Dil #Heart #Shayari #Love