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मन मेरा अब स्थिर हो रहा उत्सुकता कुछ भी शेष नहीं ल

मन मेरा अब स्थिर हो रहा
उत्सुकता कुछ भी शेष नहीं
लगता सबकुछ एक समान
किसी मे कुछ भी विशेष नहीं।

कोई बुद्धिमान अति यहाँ पे
तो कोई भुजदंडों से महान
कोई विद्या सागर जैसा
तो कोई धनी कुबेर समान।

कोई दरिद्र यहाँ पैसे से
तो कोई बुद्धि से गरीब
कोई ढोता तन की अयोग्यता
तो कोई शिक्षा से फकीर।

सब में अपनी एक विशेषता
तो सब मे कोई न कोई अभाव
लगते मुझको सब एक जैसे
ना दिखता कोई भेदभाव। ब्रह्मज्ञान। Think from broader perspective

Invited for #collab 

Dedicated to #buddha 

Best YQ Hindi Quotes  𝘠ourQuote Didi
मन मेरा अब स्थिर हो रहा
उत्सुकता कुछ भी शेष नहीं
लगता सबकुछ एक समान
किसी मे कुछ भी विशेष नहीं।

कोई बुद्धिमान अति यहाँ पे
तो कोई भुजदंडों से महान
कोई विद्या सागर जैसा
तो कोई धनी कुबेर समान।

कोई दरिद्र यहाँ पैसे से
तो कोई बुद्धि से गरीब
कोई ढोता तन की अयोग्यता
तो कोई शिक्षा से फकीर।

सब में अपनी एक विशेषता
तो सब मे कोई न कोई अभाव
लगते मुझको सब एक जैसे
ना दिखता कोई भेदभाव। ब्रह्मज्ञान। Think from broader perspective

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