नफ़रतों से फक़्त घर उजड़ते हैं मोहब्बत करिये इससे घर सवरते हैं हमारे घर आने जाने से परेहज़ न कर परिंदो को जहाँ दाना दिखे वहीं उतरते हैं शादाब कमाल #मोहब्बत_से_खाक_तक