✨*रिश्तों का मायाजाल*✨ सँग हो अपनें हर सुख दुःख में तो ज़िंदगी जन्नत से कम नहीं होती। ख़ुश हो अपनों की ख़ुशी देखकर और दुःख में भी सँग-सँग है रोती। कभी जो आए मुसीबत तो एक-दूजे की हिम्मत,ताक़त बन जाते हैं। कभी समझ जाते जज्बातों को बिन बोले, हमें सही-ग़लत बताते भी। रिश्ते जितनी जल्दी बनते,संभले ना तो उतनी ही जल्दी बिगड़ते हैं। उलझी रहती है डोर रिश्तों की इसे समझदारी से सुलझाए जाते भी। उम्र लग जाती समझते, मग़र ये रिश्तों का मायाजाल समझ नहीं पाते है। कौन सा जतन करूँ कोई रूठे नहीं,एक को मनाऊँ तो दूजे रूठ जाते भी। रिश्तों की ये कैसी मायाजाल है कि हम फंसकर निकल नहीं पाते है। समझौते है इतने की हम निभाते-निभाते ख़ुद को भूल जाते भी। कभी अपनें ही होते दुःख के कारण, और हम ये कह भी नहीं सकते। एक अपनी ख़ुशी के लिए हम अपनों का दिल कैसे तोड़ सकते हैं। कुछ सीमाओं से बँधी खुशियाँ और मर्यादाओं की लक्ष्मण रेखा है। कभी कभी कहीं के नहीं बचते है रिश्ते हर हाल में कुचले जाते हैं! #कोराकाग़ज़ #kkरिश्तोंकामायाजाल #कोराकाग़ज़महाप्रतियोगिता #जन्मदिनकोराकाग़ज़ #yqbaba #yqdidi #collabwithकोराकाग़ज़ #neha