माज़रा है क्या.. न कुछ तुम बयां करते हो.. दर्द भी देते हो.. फिर दवा करते हो... जख़्म भर जाने वाले हो जाते अब तक खंजरों से तो तुम.. सिया करते हो... मैं समझा नहीं चाहते हो तुम क्या.. मौत देते हो.. जीने की दुआ करते हो... इश्क़ करना तुम्हें शायद आता नहीं इश्क़ करते हो.. पर तौहीन-ए-वफा करते हो... ©Nishank Pandey #तौहीन-ए-वफा