बहुत ग़रीबी में भी ख़ुश रहता है हँसता भी है खिला खिला रहता है मुश्किलों से भी लड़ता है आख़री दम तक होंसला उसका कभी कम नही रहता है हमेशा भीड़ में कही खो जाता है वो किसी को इंसान नज़र क्यों नही आता है छोटी बातों को भी सच मान लेता है मायूस ज़िन्दगी भी हसीन जीता है कर कर कोशिशें नाकाम भी होता है उम्मीदों से न जाने क्यों भरा रहता है क्यों कोई उसकी बात को नही कहता है जब वो मरता है किसको फर्क पड़ता है? #commonman