नज़ारे भी बदल गए जब पलट कर चली हवा कल आँधियों का दौर था आज बारिशों का दौर है जो मेरा नसीब नहीं क्यों मैं हूँ उसको ढूंढ़ता क्या चाहतें बेशुमार हैं या फिर मेरी मँज़िलें कहीं और हैं... मैंने कब चाहा सच हो जाए, सब चाहा #कबचाहा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi