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बदन पे मखमली सफ़ेद चांदनी ओढ़े, घूंघट चमकते हुए स

बदन पे मखमली सफ़ेद चांदनी ओढ़े,
घूंघट  चमकते हुए सितारों  का  लिए।

सर  पे   गगन  रूपी  काले   केश  हैं,
एक नयी  दुल्हन सा  जिसका वेश है।

दुनिया  के  वो  सारे  ताप  है   हरती,
मखमली  चाँदनी  सब  पर बिखेरती।

चकोर का  इन्तेज़ार  ख़त्म  वो करती,
चाँद  से  चकोर  का   दीदार  कराती।

जिसे देख प्रेमियों का दिल है मचलता,
काश  महबूब  इस वक़्त साथ में होता।

दिन  की  थकान  सभी  की  हर  लेती,
मीठे  सपनों  की  सबको  सैर  कराती।

कवियों  के  मन  को  मुग्ध  वो  करती,
निर्मल पवन रूपी प्रेम सब पर सिंचती।

धन्य उसकी माया धन्य  उसकी काया,
सबके  मन  को  मोहती  वो  है  निशि। निशि = रात😊❤️

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घूंघट  चमकते हुए सितारों  का  लिए।

सर  पे   गगन  रूपी  काले   केश  हैं,
एक नयी  दुल्हन सा  जिसका वेश है।

दुनिया  के  वो  सारे  ताप  है   हरती,
मखमली  चाँदनी  सब  पर बिखेरती।

चकोर का  इन्तेज़ार  ख़त्म  वो करती,
चाँद  से  चकोर  का   दीदार  कराती।

जिसे देख प्रेमियों का दिल है मचलता,
काश  महबूब  इस वक़्त साथ में होता।

दिन  की  थकान  सभी  की  हर  लेती,
मीठे  सपनों  की  सबको  सैर  कराती।

कवियों  के  मन  को  मुग्ध  वो  करती,
निर्मल पवन रूपी प्रेम सब पर सिंचती।

धन्य उसकी माया धन्य  उसकी काया,
सबके  मन  को  मोहती  वो  है  निशि। निशि = रात😊❤️

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nishinaik1896

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