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जलते शोलों को सिंदूरी शाम में बदल अपने आग़ोश में

जलते शोलों को
सिंदूरी शाम में बदल 
अपने आग़ोश में समेटा हो जैसे
तपती दोपहरी में
ढलती शाम का कतरा लिपटा हो जैसे
इस शजर ए गुलमोहर के साये में 
किसी के इंतज़ार की इंतहा भी हो जाए
फिर भी यूँ लगे
बस एक लम्हा खिसका हो जैसे 


 #naturelove #nature #gulmohar #spring
जलते शोलों को
सिंदूरी शाम में बदल 
अपने आग़ोश में समेटा हो जैसे
तपती दोपहरी में
ढलती शाम का कतरा लिपटा हो जैसे
इस शजर ए गुलमोहर के साये में 
किसी के इंतज़ार की इंतहा भी हो जाए
फिर भी यूँ लगे
बस एक लम्हा खिसका हो जैसे 


 #naturelove #nature #gulmohar #spring
ilashukla8983

Ila Shukla

New Creator