Nojoto: Largest Storytelling Platform

रियायत में सियासत हो रही है पानी मे अब आग हो रही ह

रियायत में सियासत हो रही है
पानी मे अब आग हो रही है
जिसको पूंछते है,वो रोता है,
फूलों से खुश्बु ही खो रही है

नाम लेते वो नेकी के काम का
पेट भर लेते है खुद के नाम का
गरीबी पे बड़ी राजनीति हो रही है
रियायत में सियासत हो रही है

जिनके लबों पे हंसी चाहिये,
उनके लबों पे आग हो रही है
जिनके पहले से ही घर भरे है,
उनके घरों पे भुखमरी हो रही है

आजकल तो बिना चले ही यारों,
मंजिल से मुलाकात हो रही है
पर एकदिन तो ये दरिया सूखेगा,
ये भ्र्ष्टाचार का भांडा फूटेगा,

ईमानदारी की राह चलने से ही,
हमारी गिनती सितारों में हो रही है
रियायत में अब रियासत नही हो,
आंख में किसी गरीब के नीर न हो,

इसके लिये हमारी ईमानदारी,
हमारी सत्य के प्रति वफादारी,
भ्र्ष्टाचार के प्रति हिम्मत भारी,
इनसे ही दुनिया अच्छी हो रही है

दिल से विजय रियायत में सियासत
रियायत में सियासत हो रही है
पानी मे अब आग हो रही है
जिसको पूंछते है,वो रोता है,
फूलों से खुश्बु ही खो रही है

नाम लेते वो नेकी के काम का
पेट भर लेते है खुद के नाम का
गरीबी पे बड़ी राजनीति हो रही है
रियायत में सियासत हो रही है

जिनके लबों पे हंसी चाहिये,
उनके लबों पे आग हो रही है
जिनके पहले से ही घर भरे है,
उनके घरों पे भुखमरी हो रही है

आजकल तो बिना चले ही यारों,
मंजिल से मुलाकात हो रही है
पर एकदिन तो ये दरिया सूखेगा,
ये भ्र्ष्टाचार का भांडा फूटेगा,

ईमानदारी की राह चलने से ही,
हमारी गिनती सितारों में हो रही है
रियायत में अब रियासत नही हो,
आंख में किसी गरीब के नीर न हो,

इसके लिये हमारी ईमानदारी,
हमारी सत्य के प्रति वफादारी,
भ्र्ष्टाचार के प्रति हिम्मत भारी,
इनसे ही दुनिया अच्छी हो रही है

दिल से विजय रियायत में सियासत

रियायत में सियासत #कविता