ईंट ईंट दीवार की, चिखती पुकारती, घर जल रहा था, कैसे तस्वीरें उतारती? चिंगारी कहाँ फूटी? बगावत कहाँ उठी? सब तो थे मेरी तरफ, किसकी कसमें झूठी? ईद ईद पडी इतवार की, दिवाली मिली शनिवार की, मुझे बस छुट्टी से मतलब था, मैंने अफसोस मे गुजार दी, हिम्मत कहाँ टूटी? किस्मत कहाँ रूठी? हर तारीख़ का था इल्म, कैसे तारीख़ें छूटी? #randomnazm #nazm #shayari #random #yqbaba #yqdidi #hindi #yqbhaijan