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ख़त पढ़े लिखे होने के बाद भी कहीं नौकरी नहीं मिल रही

ख़त पढ़े लिखे होने के बाद भी कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी।घर वाले और रिश्ते वाले सभी ताने मारने लगें हैं।कुछ दिन तो बर्दाश्त किया लेकिन अब नहीं हो पा रहा था।बहुत सारी परीक्षाएं दी नौकरी के लिए, पर नहीं हो पाया,क्योंकि सामान्य जाति से था।अब सोच लिया कि कुछ न कुछ करना है, पर गाँव में रहकर ये संभव नहीं था।अब तो विनीता भी जवाब दे दी कि उसके परिवार वाले किसी बेरोजगार नौजवान से अपनी बेटी से शादी नहीं करेगा।मैंने सोचा लिया और विनीता को संदेश भेज दिया कि अब वो मुझे भूलकर अपना घर बसा ले क्योंकि उम्र भी ज्यादा होने लगी थी और रात में ही निकल गया। पूरे दो1 दिन बाद दिल्ली आ गया।एक दोस्त रहता था जो किसी कंपनी में जॉब करता है।मुझे भी एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में बारह हजार रुपये पर लगवा दिया।घर से एक माँ का फ़ोन आता था और किसी का नहीं।मेरी जान पहचान अब बहुत लोगों से हो गई थी और मैं अब शराब, सिगरेट भी पीने लगा था इसीलिए मेरे खर्चे बढ़ गए थे।जो भी सैलरी मिलती खर्च हो जाती थी।कभी-कभी माँ को और घर की बातों को सोचकर परेशान हो जाता था कि मुझे उनलोगों की भी फ़िकर करनी चाहिए।अब मैं ज्यादा पैसा कमाना चाहता था और इसके लिए कुछ भी करने को तैयार था।एक दिन मेरे कंपनी का मालिक एक बड़ी रक़म लेकर कहीं जाने वाला था और इस बात की ख़बर मैनेजर को था।वह कुछ गुंडे से मिलकर इस रूपये को हड़पना चाहता था।उसने इस काम मेंकुछ लोकल गुंडे को और मुझे भी शामिल कर लिया।मेरा दिल ये करने से डर रहा था पर हालात हौसला दे रहा था।मैनेजर ने बता दिया था कि घर से जब निकलेगा तो उसे फ़ोन कर देगा, फिर सुनसान राहों पर सब मिलकर लूट लेना और मुझे थोड़ा बहुत चोट पहुंचाना, क्योंकि मैं ये करने से तुम सबको रोकूँगा।आज मैं काम से जल्दी निकल गया, क्योंकि शाम में ही इस गलत काम को अंजाम देना था।सात बजते ही मैनेजर का फ़ोन आ गया।मैंने अपना एक पुराना थैला निकाला और उसके अंदर साफ़ करने के लिए हाथ डाला तो एक पुराना ख़त मिला-मेरे प्यारे पोते, ज़िन्दगी में मेहनत, ईमानदारी और विश्वास के बल पर ही आगे बढ़ने की कोशिश करना।किसी भी ग़लत काम को करने से पहले, उसके अंजाम के बारे में जरूर सोचना।ग़लत राहों पर चलकर जो मंज़िल मिलती है, वह जल्दी गिर जाती है।ग़लत तरीके से जो धन आते हैं,वह धन जल्दी खत्म हो जाता है।ग़लत तरीके से जो रिश्ते बनाए जाते हैं, वो हमेशा दुःख देता है।ये ख़त मैंने अपने बच्चों के लिए लिखा है, अगर तुम इसे पढ़कर अपने जिंदगी को सही तरीके से जीना सीख लिये तो इसे सम्हाल कर रख लेना अपने बच्चों के लिए।तुम्हारा दादा......
इस खत ने मेरी आँखें खोल दी और मैं इस गलत काम को करने नहीं गया और सारे गलत काम और आदतें छोड़ने को सोच लिया और मेहनत की राहों पर ही चलकर ज़िन्दगी को सुन्दर बनाने को ठान लिया।।    🖊️सागR मेरे दादा का खत Shilpa Kumari Jha Ranbir Ranjan Rekha Rani Kaushal Kumar Pooja Asija
ख़त पढ़े लिखे होने के बाद भी कहीं नौकरी नहीं मिल रही थी।घर वाले और रिश्ते वाले सभी ताने मारने लगें हैं।कुछ दिन तो बर्दाश्त किया लेकिन अब नहीं हो पा रहा था।बहुत सारी परीक्षाएं दी नौकरी के लिए, पर नहीं हो पाया,क्योंकि सामान्य जाति से था।अब सोच लिया कि कुछ न कुछ करना है, पर गाँव में रहकर ये संभव नहीं था।अब तो विनीता भी जवाब दे दी कि उसके परिवार वाले किसी बेरोजगार नौजवान से अपनी बेटी से शादी नहीं करेगा।मैंने सोचा लिया और विनीता को संदेश भेज दिया कि अब वो मुझे भूलकर अपना घर बसा ले क्योंकि उम्र भी ज्यादा होने लगी थी और रात में ही निकल गया। पूरे दो1 दिन बाद दिल्ली आ गया।एक दोस्त रहता था जो किसी कंपनी में जॉब करता है।मुझे भी एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में बारह हजार रुपये पर लगवा दिया।घर से एक माँ का फ़ोन आता था और किसी का नहीं।मेरी जान पहचान अब बहुत लोगों से हो गई थी और मैं अब शराब, सिगरेट भी पीने लगा था इसीलिए मेरे खर्चे बढ़ गए थे।जो भी सैलरी मिलती खर्च हो जाती थी।कभी-कभी माँ को और घर की बातों को सोचकर परेशान हो जाता था कि मुझे उनलोगों की भी फ़िकर करनी चाहिए।अब मैं ज्यादा पैसा कमाना चाहता था और इसके लिए कुछ भी करने को तैयार था।एक दिन मेरे कंपनी का मालिक एक बड़ी रक़म लेकर कहीं जाने वाला था और इस बात की ख़बर मैनेजर को था।वह कुछ गुंडे से मिलकर इस रूपये को हड़पना चाहता था।उसने इस काम मेंकुछ लोकल गुंडे को और मुझे भी शामिल कर लिया।मेरा दिल ये करने से डर रहा था पर हालात हौसला दे रहा था।मैनेजर ने बता दिया था कि घर से जब निकलेगा तो उसे फ़ोन कर देगा, फिर सुनसान राहों पर सब मिलकर लूट लेना और मुझे थोड़ा बहुत चोट पहुंचाना, क्योंकि मैं ये करने से तुम सबको रोकूँगा।आज मैं काम से जल्दी निकल गया, क्योंकि शाम में ही इस गलत काम को अंजाम देना था।सात बजते ही मैनेजर का फ़ोन आ गया।मैंने अपना एक पुराना थैला निकाला और उसके अंदर साफ़ करने के लिए हाथ डाला तो एक पुराना ख़त मिला-मेरे प्यारे पोते, ज़िन्दगी में मेहनत, ईमानदारी और विश्वास के बल पर ही आगे बढ़ने की कोशिश करना।किसी भी ग़लत काम को करने से पहले, उसके अंजाम के बारे में जरूर सोचना।ग़लत राहों पर चलकर जो मंज़िल मिलती है, वह जल्दी गिर जाती है।ग़लत तरीके से जो धन आते हैं,वह धन जल्दी खत्म हो जाता है।ग़लत तरीके से जो रिश्ते बनाए जाते हैं, वो हमेशा दुःख देता है।ये ख़त मैंने अपने बच्चों के लिए लिखा है, अगर तुम इसे पढ़कर अपने जिंदगी को सही तरीके से जीना सीख लिये तो इसे सम्हाल कर रख लेना अपने बच्चों के लिए।तुम्हारा दादा......
इस खत ने मेरी आँखें खोल दी और मैं इस गलत काम को करने नहीं गया और सारे गलत काम और आदतें छोड़ने को सोच लिया और मेहनत की राहों पर ही चलकर ज़िन्दगी को सुन्दर बनाने को ठान लिया।।    🖊️सागR मेरे दादा का खत Shilpa Kumari Jha Ranbir Ranjan Rekha Rani Kaushal Kumar Pooja Asija