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जिन लोगों की मोहब्बत कुछ दिनों की मेहमान है उन्हीं

जिन लोगों की मोहब्बत कुछ दिनों की मेहमान है
उन्हीं लोगों का बनाया हुआ यह सारा तामझाम है,

ज्यादा से ज्यादा व्यापारिक फायदे का इंतजाम है
यूज़ एंड थ्रो संस्कृति में ऐसे दिनों का ऊंचा नाम है,

प्रेम एक इबादत है,दैहिक मीमांसा का खेल नहीं है
तप है,समर्पण है रुह का,चार दिनों का मेल नहीं है

यहां तो रिश्ते भी जन्म- जन्मांतर के सिलसिले हैं
किसी जन्म के उधार चुकाने, इस जन्म में मिले हैं, ये वैलेंटाइन का हफ्ता , हफ्ता वसूली सा लगता है। कभी ये दे, कभी वो दे, कभी हां कर, कभी न कर। अजीब ही बवा हो गया है। हमारे यहां तो कहते हैं कि दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी भी किसी जन्म के रिश्ते हैं। इतनी विस्तृत श्रृंखला है रिश्तों की, उसमें कोई कैसे हफ्ते के रिश्ते पचा ले। छोड़ो यह तामझाम, बसंत का मौसम है, बसंती मन बना लें। फागुन में भर भर के गुलाल अबीर डालें। खुश रहने के बड़े जतन हैं, ये बिलायती रोग न पालें।

Topic : #wz_when_life_blossom_like_rose
#jayakikalamse
#wallpaperzone 
#yourquotebaba 
#yourquotedidi 
#rose  #YourQuoteAndMine
जिन लोगों की मोहब्बत कुछ दिनों की मेहमान है
उन्हीं लोगों का बनाया हुआ यह सारा तामझाम है,

ज्यादा से ज्यादा व्यापारिक फायदे का इंतजाम है
यूज़ एंड थ्रो संस्कृति में ऐसे दिनों का ऊंचा नाम है,

प्रेम एक इबादत है,दैहिक मीमांसा का खेल नहीं है
तप है,समर्पण है रुह का,चार दिनों का मेल नहीं है

यहां तो रिश्ते भी जन्म- जन्मांतर के सिलसिले हैं
किसी जन्म के उधार चुकाने, इस जन्म में मिले हैं, ये वैलेंटाइन का हफ्ता , हफ्ता वसूली सा लगता है। कभी ये दे, कभी वो दे, कभी हां कर, कभी न कर। अजीब ही बवा हो गया है। हमारे यहां तो कहते हैं कि दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी भी किसी जन्म के रिश्ते हैं। इतनी विस्तृत श्रृंखला है रिश्तों की, उसमें कोई कैसे हफ्ते के रिश्ते पचा ले। छोड़ो यह तामझाम, बसंत का मौसम है, बसंती मन बना लें। फागुन में भर भर के गुलाल अबीर डालें। खुश रहने के बड़े जतन हैं, ये बिलायती रोग न पालें।

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ये वैलेंटाइन का हफ्ता , हफ्ता वसूली सा लगता है। कभी ये दे, कभी वो दे, कभी हां कर, कभी न कर। अजीब ही बवा हो गया है। हमारे यहां तो कहते हैं कि दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी भी किसी जन्म के रिश्ते हैं। इतनी विस्तृत श्रृंखला है रिश्तों की, उसमें कोई कैसे हफ्ते के रिश्ते पचा ले। छोड़ो यह तामझाम, बसंत का मौसम है, बसंती मन बना लें। फागुन में भर भर के गुलाल अबीर डालें। खुश रहने के बड़े जतन हैं, ये बिलायती रोग न पालें। Topic : #wz_when_life_blossom_like_rose #jayakikalamse #wallpaperzone #yourquotebaba #yourquotedidi #Rose #YourQuoteAndMine