" बिना स्नेह के बनाया गया भोजन उस अन्न के समान है जिससे व्यक्ति खा तो लेता है, लेकिन वह भोजन उसकी आधी अधूरी ही भूख शांत कर पाता है। ठीक उसी तरह जो लोग किसी काम को दिल लगाकर नहीं करते हैं, बल्कि बेमन से करते हैं, उन्हें फिर आधी अधूरी ही सफलता प्राप्त होती है और इससे उनको अप्रसन्नता ही हाथ लगती है।" ©Pawan Kumar #Janamashtmi2020anmol