रूठे दिल से इतने तन्हा क्यों तुम तन्हाई दिल को रास ना सही मनाने का हक़ कुछ वक्त को भी हैं हासिल " धड़कन " साथ दे , तो ज़िन्दगी रूखा बेसक नहीं Pc Google