कहानी कहानी है कहानी जैसी समझे तो तुम्हारे जैसी कहानी वो सबसे छुपाती फिरती ढूंढे अगर कोई पता गलत वो बताती कहानी हैं औरों जैसे कहानी है कहानी जैसी कहानी को नहीं हैं हिम्मत किसी को बताने की छुपकर हैं रोती छुपकर हैं सोती बंद पलकों से झांकती रहती सिर्फ,ख्वाब में हैं जिंदा हिम्मत करके कहानी ने एक कहानी से अपनी कहानी बताई कहानी ने कहानी की कहानी समझ कर खाक चढ़ाई फिर कहानी ने सोचा समझा परखा कहानी ने कहानी को कहानी में ही दफन कर आईं हैं ये सच्ची कहानी,फिर भी किसीको नहीं समझ आईं