यह तन्हाई भरी रात फिर आ गयी मेरे लब पे तेरी बात फिर आ गयी फिर से बादल घिरे,फिर से आँधी चली तुम ना आई, ये 'बरसात' फिर आ गयी --प्रशान्त मिश्रा "बरसात फिर आ गयी"