मुक्तक मस्ती में धारा रंगी है, राधा रंगी रंगों में व्याकुल रत श्यामल बाहों को, डूब रही है रंगों में सारी सुषमा गलियों की क्यूँ खोज रही संकोच कहीं कामन काया खिल जाने दो, लिपटी भीगे रंगों मे ©Shivam Tiwari #snowpark #kavita #muktak #Hindi