किसी के सिरहाने बस बेबसी रह जाती है। जो कभी थकती न थी, गले से लगा कर रखती थी, वही बूढ़ी माँ बेटे का रास्ता तकती रह जाती है। पिता के कंधों मे अब ज़ोर नही रहा उतना, बूढ़ी उन आँखों मे बस नमी रह जाती है। कहीं बेबाक बरसता है बादल झूम के, और दूर कहीं सूखी ज़मीं रह जाती है। किसी के पास लुटाने को दौलत बेशुमार है, कहीं पूरे परिवार को बस एक रोटी रह जाती है। किसी का बचपन यूँ खिलौनों के ढेर से भरा है, कहीं छोटी सी गुड़िया बिना खिलौने के रह जाती है। हाँ कहीं कुछ तो कमी रह जाती है, कुछ आँखों मे बस नमी रह जाती है। अक्सर कोशिश के बाद भी कोई न कोई कमी रह जाती है। #कमीरहजातीहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi