गोपिन माध्य में ग्वाला गिरधर मधुर मनोहर मोहन मधुक

गोपिन माध्य में ग्वाला गिरधर 
मधुर मनोहर मोहन मधुकर 

रात प्रहर प्रभु चंद्र सो शीतल 
भोर भयो प्रभु उदित दिवाकर 

नृत्य करेहु गऊ गौ संग ग्वाला 
गोपिन्ह ताल दे नाचै नटवर 

जित जित गोपी उत उत ग्वाला 
व्याप्त है सर्व में रूप सुधाकर 

राधा गोपी ग्वाल है कृष्णा 
प्रेम मगन सब लोक चराचर 

पृष्ठ पलक कर मोरे कन्हैया 
नयना रूप रचै मुरलीधर #krishna
गोपिन माध्य में ग्वाला गिरधर 
मधुर मनोहर मोहन मधुकर 

रात प्रहर प्रभु चंद्र सो शीतल 
भोर भयो प्रभु उदित दिवाकर 

नृत्य करेहु गऊ गौ संग ग्वाला 
गोपिन्ह ताल दे नाचै नटवर 

जित जित गोपी उत उत ग्वाला 
व्याप्त है सर्व में रूप सुधाकर 

राधा गोपी ग्वाल है कृष्णा 
प्रेम मगन सब लोक चराचर 

पृष्ठ पलक कर मोरे कन्हैया 
नयना रूप रचै मुरलीधर #krishna