.. अदावत किससे रही किसे कसूरवार माना है, एतराज़ कब से समझदार की पहचान बना है.. .. किस पैमाने से किसी को कैसे बेहतर माना है, हुनर कुदरती कब से निसाब का हिस्सा बना है.. .. समझें के पढ़े लिखे ने लिखे को पढ़ना जाना है, शिद्दत की पुरतिश में सलाहियत हौले हौले बना है.. ..🌱खुशामदीद..💞 निसाब माने, पाठ्यक्रम, syllabus. सलाहियत माने, योग्य, capable. पुरतिश माने, पर्ति, fulfillment.