मेरी ख़ुशी बच्चों जैसी है..
खुलकर जीती हूँ.. अपने शर्तों के साथ जीती हूँ
किसी को हानि पहुँचाने की गलती नहीं करती हूँ
मैं उस छोटी बच्ची जैसी हूँ
मीठा सा पान में मुझे मेरा ख़ुशी मिलता है
तीखा मुझे अच्छा लगता है
कभी बच्ची बन माँ को सताती हूँ
कभी बड़ी बनकर जीवन के सागर्ष का सामाना करती हूँ