सफर में आगे बढ़ते ही हैं वहीं, जो गिरते सम्भलते हैं, पर आख़िरी मुकाम तक मंजिल पा ही लेते हैं, #ज़िन्दगी #सफ़रकीबात #अकेलेपन । वो सफ़र ही क्या ! जिसे मेंने अकेले तय किया हो गिरते ओर संभालते । #YourQuoteAndMine Collaborating with Khushijit