क्या झूठ , क्या गलत, ये तो बस एक आदत की बात है! लोग तो आते हैं ज़िन्दगी में, एक दिन चले जाने के लिए! बेफिक्रे जितने भी रहोगे कि वो न कभी जायेगा, एक दिन रोना ही पड़ेगा! जितना सोचेंगे, वो अपना है, उतना ही उसे खोना ही पड़ेगा! दिल की क्या दुहाई देते हो, ज़ब रखें हैं सीने में पाल इतने गिले शिकवे हज़ार..! ज़िंदगानी कब तलक लुटाओगे उस पर, जो न समझे कभी तुम्हारे दिल का हाल! हिसाब भला उससे क्या मांगते हो जिसने अपनी ज़िन्दगी ही जी रखी है अब तक उधार..!!! - सुचिता पाण्डेय✍ #उधार_की_ज़िन्दगी क्या झूठ , क्या गलत, ये तो बस एक आदत की बात है! लोग तो आते ही हैं ज़िन्दगी में, चले जाने को, बेफिक्रे जितने भी रहोगे कि वो न कभी जायेगा,