दिल का हाल सुनाये क्यूँ, अब ज़िक्रे-ग़म फ़रमाये क्यूँ? जो अपने राज़ छिपाता हो, वो अपने राज़ दिखाये क्यूँ? जिसे इश्क़ ने याद किया, या यूँ कहिये आबाद किया, हर बंधन से आज़ाद किया, वो हाथ किसी के आये क्यूँ? अब कोई महफ़िल नहीं रही, अब कोई मुश्किल नहीं रही, तू भी सरे-दिल नहीं रही, कोई अपने अश्क लुटाये क्यूँ? भाइयों में तक़रार कड़ी है, बीच में इक दीवार खड़ी है, माँ बिस्तर पे बीमार पड़ी है, कोई दवा पूछने जाये क्यूँ? ©Yamit Punetha [Zaif] Kyun? #maa #dawa #Taqraar #Zaif