ढूँढता रहा तुझे मैं, दुनिया के हर कोने में,पर तू ना मिला जब बैठा अकेले कुछ देर के लिए, भूला के सारे जग को तब जाना तू तो मुझमें ही है और मैं ढूँढता रहा तुझे बाहर ©Chandra Mohan Singh सुख-शांति-सुकून कुछ चीजें बाहर न होकर हमारे पास ही होती है #sukoon