जुबानी एक पेड़ की अभी मत काटो तुम मुझे मेरा समय हुआ नहीं, की बगैर मेरे अब तलक किसी को अन्तिम बिदाई मयस्सर हुआ नहीं। थोड़े दिन बाद खुशी से तोड़ लेना तुम फल मेरा, की इस समय मेरा फल पका हुआ नहीं।। धूप की किरण अगर परेशान करे तुझे तो मेरी छाओं में चले आना, की तेरे लिए मेरा प्यार कम हुआ नहीं। मुझे बस कुछ दिन तक पानी पिला देना तुम, की मेरा तन मन से बड़ा हुआ नहीं।। रुक जाओ मत काटो तुम शाख मेरे, की अभी तक इनसे काम पूरा हुआ नहीं।। #savetree