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श्रृंगार गीत की लय धुन गर जीवन में प्रेम बढ़ाती है।

श्रृंगार गीत की लय धुन गर जीवन में प्रेम बढ़ाती है।
तो ओझ स्वरों की भाषाएँ हमको उत्कृष्ट बनाती है।
गर उपमाएं नायकदल की नायिका को श्रेष्ठ बनाती है।
तो गौरव के वाचन से ही सम्यक सृष्टि हर्षाती है।
गर प्रेमरसों में बंध बंध कर ये ह्रदय उज्जवलित होता है।
तो धरती की वंदना मात्र मन सदा प्रज्ज्वलित होता है।
गर प्रेम धुरी पर जग सारा ही सदा खड़ा है तन करके।
तो भारत भी निर्भीक खड़ा सीमा पे वीरों में तन के।
ये आग नही है मंचो की,ना तो बोली कि क्रीड़ा  है।
है क्रोध भले ही स्वर में पर ये मात्र ह्रदय की पीड़ा है।
हमको अज्ञानी बोल बोल ना यूँ हमपर अघात करो।
गर नही तुम्हे स्वीकार ये रस तो प्रेम रसों में बात करो।
जब तक समाज संलिप्त रहेगा यूं ही तीक्ष्ण विवादों में।
तब तक यूँ ही हम गीत लिखेगें क्रोध भरे अनुनादों में। #NojotoQuote ओझ
#हिंदी
श्रृंगार गीत की लय धुन गर जीवन में प्रेम बढ़ाती है।
तो ओझ स्वरों की भाषाएँ हमको उत्कृष्ट बनाती है।
गर उपमाएं नायकदल की नायिका को श्रेष्ठ बनाती है।
तो गौरव के वाचन से ही सम्यक सृष्टि हर्षाती है।
गर प्रेमरसों में बंध बंध कर ये ह्रदय उज्जवलित होता है।
तो धरती की वंदना मात्र मन सदा प्रज्ज्वलित होता है।
गर प्रेम धुरी पर जग सारा ही सदा खड़ा है तन करके।
तो भारत भी निर्भीक खड़ा सीमा पे वीरों में तन के।
ये आग नही है मंचो की,ना तो बोली कि क्रीड़ा  है।
है क्रोध भले ही स्वर में पर ये मात्र ह्रदय की पीड़ा है।
हमको अज्ञानी बोल बोल ना यूँ हमपर अघात करो।
गर नही तुम्हे स्वीकार ये रस तो प्रेम रसों में बात करो।
जब तक समाज संलिप्त रहेगा यूं ही तीक्ष्ण विवादों में।
तब तक यूँ ही हम गीत लिखेगें क्रोध भरे अनुनादों में। #NojotoQuote ओझ
#हिंदी
prajjvalniramish3220

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