चुरा लो शेर मेरे तुम, नहीं अब फ़र्क पड़ता है, कलम मेरी, हुनर मेरा, मगर कैसे चुराओगे। बहुत ज़रूरी था ये लिखना। चुरा लो जितना चुरा सको। मैं लिखते लिखते नहीं थकूँगा, मगर तुम चुरा चुरा कर थक जाओगे। इसी के साथ अलविदा सबको। ~ इकराश़ #YqBaba #YqDidi #इकराश़नामा #शेर #plagiarism