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मैं तप्ती दुपहरी सा तुम ठंडी सी शाम प्रिय, मैं खट

मैं तप्ती दुपहरी सा 
तुम ठंडी सी शाम प्रिय,
मैं खट्टी इमली हूँ
तुम मीठा सा आम प्रिय।।

मैं पागल आवारा बदनाम सा,
तुम सुंदर,सादगी का नाम प्रिय।।

मैं फक्कड़ अनघड़ निर्बुद्धि हु,
तुम सौम्य,तेज़ सद्बुद्धि प्रिय।।

मैं बादल सा उड़ता रहता हूं,
तुम जंगल सी हो शांत प्रिय।
©मानवेन्द्र सिंह #MANVENDRA #afection #ishk  #Nojoto #Feeling 

#Love
मैं तप्ती दुपहरी सा 
तुम ठंडी सी शाम प्रिय,
मैं खट्टी इमली हूँ
तुम मीठा सा आम प्रिय।।

मैं पागल आवारा बदनाम सा,
तुम सुंदर,सादगी का नाम प्रिय।।

मैं फक्कड़ अनघड़ निर्बुद्धि हु,
तुम सौम्य,तेज़ सद्बुद्धि प्रिय।।

मैं बादल सा उड़ता रहता हूं,
तुम जंगल सी हो शांत प्रिय।
©मानवेन्द्र सिंह #MANVENDRA #afection #ishk  #Nojoto #Feeling 

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