भुलाकर मोहब्बत मेरी वो, अब दूर मुझसे रहते हैं। कैसे बताएं अब हम उन्हें, ये दर्द हम कैसे सहते हैं। तन्हा हुए है जिस दिन से, ख़ामोशी सी इक छा गई। कैसे बताएं ख़ामोशी की चुभन,अब हम कैसे सहते हैं। धोखा मिला जब इश्क़ में, तो ये दर्द भी हमें मिला। कैसे बताएं हम इस दर्द में, दिन रात तड़पते रहते हैं। वो दूर तो हमसे चले गए, पर ख़ुशियाँ मेरी छीन ली। कैसे बताएं इस हाल में भी, हम मुस्कुराते रहते हैं। जब जाना ही था दूर तो, यादों को भी अपनी ले जाते। कैसे बताएं इन यादों को, हम भूल भी नहीं सकते हैं। ♥️ Challenge-576 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।