वृक्ष लगाएं पर्यावरण प्रदूषण के हित, आओ मिलकर वृक्ष लगाएं। भेदभाव का नाम मिटाकर, समता के स्वर ताल खिलाएं। हरे भरे ये पेड़ हमारी, धरती माँ के गहने। ये जीवन दाता दुनियां के, पेडों के क्या कहने।। जग का गरल पचा कर हमको, प्राणवायु ये देते। फूल पत्ती या फल ईंधन, देते कुछ न लेते।। ये दानी ही नहीं महादानी, बल्कल पहने रहते। नीड़ आश्रय खुशबू हैं ये, छाया भरपूर पाते।। पास इनके जो भी आया, खुशहाली ले आते। सर्दी गर्मी वर्षा हंस हस, लाते और ले जाते।। वन्य प्राणी का आश्रय है ये, वृक्षो को नहीं काटे। बात माने बुजुर्गो की, वृक्षो में दवाई छांटे।। समय चक्र कहता है भैय्या, जो सोया है उसे जगाये। गांव नगर फैले खुशहाली, सुंदर भारत देश बनाये।।