गुज़री काली रात का अँधेरा लेकर, चलो एक नई सहर सजाते हे..! हम खुद को बे कसूर मानते है, चलो इस गलत-फहमी से निकलते हे. गैरों के ऐब गिनवा कर थके नहीं, चलो तो फिर, आईने से नज़दीकीया बढ़ाते हे. मलाल से खुद को आज़ाद करते है चलो फिर एक नइ सुरुआत करते हे...! ✍ß°Krishna #bKrishna #missingthoughts_ #staystrong #bepositive #bereal #saywhatyoufeel #Night