शक की दीवारें हम दरमियाँ आने ना देंगे इतना प्यार भर देंगे दिलों में शक की गुंजाइश रहने ना देंगे। शक की दीवारें तोड़ देंगे हम सनम लेकिन ख़ुद की नज़रों में गिरने ना देंगे सनम। इतना मोहब्बत का सागर दिल में होगा दिल में शक का बीज पनपने ना देगा। विश्वास भर ही टिके होते हैं सारे रिश्ते इसी के नींव पर प्यार से टिकते हैं रिश्ते। शक गर हुआ दिल में, चोट करे ये बहुत ही गहरे फिर इसका कोई इलाज़ नहीं, कुछ नहीं कर सकते फरिश्ते भी। शक से रिश्ता कमज़ोर पड़ जाता, रिश्ता हँस कर सब सहता रहता कहांँ गया वो प्यार और भरोसा, जिस पर रिश्ता घमंड था करता। ज़माना ही भरोसा तोड़ता शक की नींव वही है डालता अब क्या करेगा रोता रिश्ता, इसका इलाज़ ईश्वर भी ना कर सकता। ♥️ Challenge-941 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।